यमन में फंसी निमिषा! ब्लड मनी से बचेगी जान? पीड़ित परिवार ने माफ़ी नहीं दी

अजमल शाह
अजमल शाह

केरल की रहने वाली 34 वर्षीय निमिषा प्रिया एक भारतीय नर्स हैं जो यमन की राजधानी सना की जेल में बंद हैं। उन पर अपने यमनी पूर्व बिज़नेस पार्टनर तलाल अब्दो महदी की हत्या का आरोप है, जिसके चलते उन्हें मौत की सज़ा सुनाई गई है।

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कब दी जाएगी फांसी?

यमन के हूती नियंत्रित क्षेत्र की जेल में बंद निमिषा को 16 जुलाई 2025 को फांसी देने की तिथि तय की गई है। भारत सरकार और निमिषा के परिजन उनकी जान बचाने की कोशिशों में जुटे हैं।

क्यों नहीं है आसान मदद?

सबसे बड़ी बाधा यह है कि यमन के हूती विद्रोहियों के साथ भारत के कोई औपचारिक राजनयिक संबंध नहीं हैं। भारत सरकार “अन्य माध्यमों से” मदद का प्रयास कर रही है, लेकिन इसमें सीधी बातचीत संभव नहीं है।

ब्लड मनी: अंतिम उम्मीद

इस्लामी कानून के तहत हत्या के मामलों में ‘दियाह’ या ब्लड मनी देकर मृतक के परिवार से माफ़ी मांगी जा सकती है। निमिषा के परिजनों और समर्थकों ने 10 लाख डॉलर की पेशकश की है, लेकिन तलाल महदी का परिवार अब तक इसे स्वीकार नहीं कर रहा

सोशल मीडिया पर चल रहा है अभियान

निमिषा को बचाने के लिए देश-विदेश में #SaveNimishaPriya जैसे हैशटैग्स के साथ सोशल मीडिया पर ज़बरदस्त अभियान चल रहा है। मानवाधिकार संगठनों ने भी इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की है।

क्या बच पाएगी निमिषा?

इस समय निमिषा की ज़िंदगी एक नाजुक मोड़ पर है। ब्लड मनी को लेकर उम्मीदें ज़रूर हैं, लेकिन अंतिम फ़ैसला तलाल महदी के परिवार के हाथ में है। भारत सरकार की कूटनीतिक और मानवीय कोशिशें जारी हैं, लेकिन समय बेहद कम है।

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